प्रभु की भक्ति हेतु मधुर भजन (हिन्दी में)
1. लेले जाना उद्धव बाबा प्रेमवा के पतिया
प्रेमवा के कागजा ह प्रेम के कलमिया,
आ प्रेमवे से लिखल बाड़े एमे सारी बतिया,
लेले जाना उद्धव बाबा प्रेमवा के पतिया
लेले जाना उद्धव बाबा प्रेमवा के पतिया
प्रेमवा के पतिया हो, प्रेमवा के पतिया ....
लेले जाना उद्धव बाबा प्रेमवा के पतिया
प्रेमवा के दियना ह प्रेमवा के बतिया,
आ प्रेमवा के तेलवा जरे ला सारी रतिया
लेले जाना उद्धव बाबा प्रेमवा के पतिया
लेले जाना उद्धव बाबा प्रेमवा के पतिया
प्रेमवा के पतिया, प्रेमवा के पतिया ....
लेले जाना उद्धव बाबा प्रेमवा के पतिया
2. शिव के धनुहिया बड़ी भारी हो कइसे तुरिहे गिरधारी।
शिव के धनुहिया बड़ी भारी हो कइसे तुरिहे गिरधारी।।
छोटी छोटी शिव कुमारी आदित मनावे आरे सुरुज मनावे,
करवाजोरी हो कइसे तुरिहे गिरधारी।
शिव के धनुहिया बड़ी भारी हो कइसे तुरिहे गिरधारी।।
बड़े बड़े वीर लोग धोतीया सवारे आरे मोछिया सवारे,
बलवाजोरी हो कइसे तुरिहे गिरधारी।
शिव के धनुहिया बड़ी भारी हो कइसे तुरिहे गिरधारी।।
एक हाथे रामचंद्र धनुषा उठवले आरे धनुषा उठवले,
कइले नवखण्ड हो कइसे तुरिहे गिरधारी।
शिव के धनुहिया बड़ी भारी हो कइसे तुरिहे गिरधारी।।
3. बसना मोरा नगरी बसना मोरा नगरी,
ऐ भोले बाबा बसना मोरा नगरी।।
बसना मोरा नगरी बसना मोरा नगरी,
ऐ भोले बाबा बसना मोरा नगरी।।
तोहरा बैलवा के खोआ खियइबो 2
तोहके पियइबो भँगिया चारि गगरी ,
ऐ भोले बाबा बसना मोरा नगरी।।
बसना मोरा नगरी बसना मोरा नगरी,
ऐ भोले बाबा बसना मोरा नगरी।।
तोहरा बैलवा के कोठा उठइबो 2
तोहके बनइबो मरइया एगो कगरी ,
ऐ भोले बाबा बसना मोरा नगरी।।
बसना मोरा नगरी बसना मोरा नगरी,
ऐ भोले बाबा बसना मोरा नगरी।।
तोहरा बैलवा साल ओढ़इबो 2
तोहके ओढ़इबो मिर्गछाला एगो कगरी ,
ऐ भोले बाबा बसना मोरा नगरी।।
बसना मोरा नगरी बसना मोरा नगरी,
ऐ भोले बाबा बसना मोरा नगरी।।
4. शिव गुरु का भजन
कहां से पाईबो चुनरी कहां से पाईबो गाहाना,
कहां से पाईबो ना
शिवा गुरु के ज्ञानवा कहां से पाईबो ना।।२
बजाजवा घर से चुनरी, सोनारावा घर से गाहाना,
चर्चा में पाईबो ना
शिव गुरु के ज्ञानवा चर्चा में पाईबो ना।।२
कहां रे धरबो चुनरी कहां रे धरबो गाहाना,
कहां रे धरबो ना
शिवा गुरु के ज्ञानवा कहां रे धरबो ना।।२
पेटी में धरबोे चुनरी, बक्सा में धरबोेे गाहाना,
ह्रदय में धरबोे ना
शिव गुरु के ज्ञानवा ह्रदय में धरबोे ना।।२
का होई हें चुनरी का होई हें गाहाना,
का होई हें ना
शिवा गुरु के ज्ञानवा के का होई हें ना।।२
फाट जाईहें चुनरी, टूट जाईहें गाहाना,
संघवें जोईहें ना
शिव गुरु के ज्ञानवा हो संघवें जोईहें ना।।२
Top 3 Bhakti Bhajan Hindi me Aapko kaisa laga hame comment karke batae
Thank you
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